Golden Era of Branding
इससे पता चलेगा कि भाई आने वाले 5 साल में आपके साथ क्या होने वाला है या फिर यह डिज़ाइन इंडस्ट्री वीडियो एडिटिंग इंडस्ट्री या कम्युनिकेशन इंडस्ट्री कहां जा रही है तो सबसे पहले मैं स्टार्ट करता हूं मेरा प्रेडिक्शन नंबर वन अगर हम लाइफ में थोड़ा सा पीछे जाए अराउंड 2012 13 14 तक जाए तो बहुत सारे ब्रांड लॉन्च हुए थे रेस्टोरेंट कैफेस बहुत सारी चीजें लॉन्च हुई थी और अगर आपने भी कहीं फर्स्ट टाइम ग्राफिक डिजाइन या वीडियो एडिटिंग का जॉब ज्वाइन किया होगा या फिर आप ने एजेंसी स्टार्ट किया होगा तो 100% आपको कुछ ऐसे ही क्लाइंट मिले होंगे या तो कोई रेस्टोरेंट होंगे या तो कोई छोटा छोटा बिजनेस होगा या तो कोई नया कोई कैफे होगा या फिर कोई छोटे-मोटे इलेक्ट्रॉनिक के ब्रांड होंगे इसी टाइप के आपको 90 पर आपको क्लाइंट मिले होंगे ठीक है लेकिन उन क्लाइंट के साथ में प्रॉब्लम यह था कि उनको ब्रांडिंग का कुछ अता पता ही नहीं था वो जस्ट पैसे मार्केट में डालना है उसको पैसा कमाना बस इतना ही उनके दिमाग में फोकस रहता था चाहे वो चाहे वो बड़े से बड़े कैफे वाला क्यों ना हो चाहे बड़े से बड़े क्लब क्यों ना हो चाहे वो कोई रेस्टोरेंट क्यों ना हो क्योंकि उन लोगों में जो पैसा लगाया था वो 90 पर रियल एस्टेट वाले थे जिनको ब्रांडिंग से कुछ नहीं मतलब जिसको बस पैसा कमाना था और जिन्होंने बस उनको लगता था भाई पैसे कहीं लगाने है तो उसने लगा दिया और हम ग्राफिक डिजाइनर उसके लिए काम करते रहते थे और अच्छा आईडिया उनको पसंद नहीं आता था वही पुराने क्लब फ्राइडे नाइट ये नाइट वही सारी चीजें पसंद आती थी मतलब मतलब अगर आप कुछ नया करके दे दो तो उनको पसंद नहीं आता था ठीक है उन्होंने ब्रांडिंग के ऊपर अच्छा काम नहीं किया तो उसमें से 99 पर बिजनेस ऑलरेडी बंद हो चुके वहां पे कोई फुट फॉल ही नहीं है लेकिन आने वाले टाइम में ये ट्रेंड में आपको बहुत ही ज्यादा अच्छा और बहुत ज्यादा चेंज देखने को मिलेगा इसके पीछे का लॉजिक ये है कि अब जो बिजनेस स्टार्ट हो रहा है छोटे-छोटे बिजनेस से जो स्टार्ट हो रहे हैं वो कोई लाला लोग नहीं कर रहे हैं जिनके पास बहुत सारा पैसा था उनको कहीं ना कहीं पैसा फंसाना था और लगा लगा दिया वो लोग नहीं कर रहे अब वो लोग कर रहे हैं बिजनेस जिसको ब्रांडिंग की समझ है उसमें से 60 पर लोग वो है जो मतलब इंडिया से बाहर कहीं ट्रेवल करते हैं और वहां पे देखते हैं यार यहां पे कैफे कॉफी का ही ब्रांड है लेकिन कितना अच्छा इसका ब्रांडिंग है लोगो से लेके पैकेजिंग से लेके ग्लास तक लेके काफी कुछ अच्छा है तो क्या हम ये चीज इंडिया में खोल सकते हैं तो इसी टाइप के लोग आप यहां प बिजनेस स्टार्ट करें कॉफी का जस्ट मैं एग्जांपल दिया ऐसे बहुत सारे ब्रांड इंडिया में लॉन्च हो रहे हैं जिनकी ब्रांडिंग काफी ज्यादा अच्छा वो लोग डिमांड करें उनको उनको लग रहा है कि हां यार ब्रांडिंग की वैल्यू क्या है और ब्रांडिंग में हमें कैसे काम करना चाहिए उनको अच्छे तरीके से पता चल रहा है ठीक है और नए जनता से कैसे कनेक्ट हो सकते हैं वो सारी चीजें इंक्लूड कर रहे हैं
Rise in Graphic Design & Video Editing Field
ग्राफिक डिजाइन में भी एक लेवल अप जा रहे हैं वीडियो एडिटिंग में भी एक लेवल अप जा रहे हैं हर चीज में बहुत ही ज्यादा ऑर्गेनाइज बहुत ज्यादा ब्रांडेड और बहुत ज्यादा अच्छा काम का डिमांड कर रहे हैं ठीक है और ये आपकी आंखों के साम काम नहीं हो रहा है अगर आप कहीं प जाते हो या तो आप एयरपोर्ट प जाते हो या फिर कोई अच्छे मार्केट में जाते हो तो वहां पे आपने देखा होगा कि पहले की तरह नहीं आप कॉफी शॉप का भी एक अच्छा ब्रांडिंग होता है उसका उसके टिशू पेपर से लेके और उसके मेन्यू कार्ड तक सब पे अच्छा ब्रांडिंग होता है तो पीछे हमारे जैसे लोग आपके जैसे लोग ही यहां पे काम कर रहे होते हैं ठीक है तो सबसे पहला जो मेरा जो प्रेडिक्शन है जो आने वाले टाइम बहुत ज्यादा बढ़ेगा वो छोटे ब्रांड स्मॉल ब्रांड लेकिन अच्छी ब्रांडिंग का डिमांड करेंगे जाहिर से बात है क्योंकि सारी चीजें महंगी हो रही है तो लोगों के पास में इतना इन्वेस्ट करने का है कि वो डिजाइन पे या ब्रांडिंग पे इन्वेस्ट कर सके प्रेडिक्शन नंबर टू मेरा बहुत ही इंपॉर्टेंट है आप लोगों के लिए प्रेडिक्शन नंबर टू यहां पे ये क्या है कि देखो पहले क्या था ना कि जॉब के लिए अलग-अलग वैकेंसी निकला करती थी जैसे ग्राफिक डिजाइनर वीडियो एडिटर इस टाइप की वैकेंसी निकला करती थी लेकिन मैं पिछले चार पांच साल से यही बोल रहा हूं कि सार ये सारी की सारी चीजें ये सेम है इसमें कोई अलग नहीं है ए मतलब जो ग्राफिक डिजाइन वीडियो एडिटर जितने सबका काम क्या है कि एक आइडिया को एक ब्रांड के आईडिया को कस्टमर तक पास में लेके जाने का और बेसिकली हमारा जो काम है कम्युनिकेशन काम ये सारी चीजें सेम है लेकिन एआई के आने के बाद में ये ग्राउंड लेवल पे ये सेम होने वाला है तो फ्यूचर क्या होने वाला है क्या क्या ग्राफिक डिजाइनर की जॉब नहीं रहेगी क्या वीडियो एडिटर की जॉब भी कमी आने वाली नहीं ये जॉब और भी ज्यादा बढ़ने वाला है लेकिन यहां पे
रिक्वायरमेंट यहां पे चेंज होने वाला है रिक्वायरमेंट क्या होने वाला है फॉर एग्जांपल आप किसी कंपनी में जाते हो जॉब इंटरव्यू के लिए ठीक है तो पहले क्या था कि आप बताते थे कि देखो मैं ग्राफिक डिजाइनर हूं और मैं ये ये काम करता था और ये ये काम मैं करके दूंगा तो सामने वाला बोलता था ठीक है मुझे ये ग्राफिक डिजाइनर की जरूरत है तो आपका काम अच्छा है तो आप आ जाओ लेकिन अब यह नहीं होने वाला अब आपको अगले दो-तीन सालों में अब आपको बताना पड़ेगा कि आप उस ब्रांड में क्या वैल्यू ऐड कर रहे हो ठीक है आपके पास क्या आईडिया है जो आपका आईडिया इंक्लूड करने से उस ब्रांड में ग्रोथ आ सकता है या सेल हो सकता है अब जब किसी ब्रांड में आपको ग्रोथ लाना है सेल लाना है या उसकी ब्रांडिंग ऑनलाइन सही करनी है सिर्फ ग्राफिक डिजाइन से काम नहीं चलने वाला आपको एक आइडिया पे वर्क करना पड़ेगा कि मान लो आपने कोई आईडिया आपने कोई कैंपेन सोचा उस कैंपेन को एक जनता तक डिलीवर करने के लिए आपके कौन-कौन से स्किल उस उस आईडिया में लगने वाला है क्या उसमें क्या उसमें ग्राफिक डिजाइन के स्किल भी लगेगा क्या उसमें वीडियो एडिटिंग की स्किल भी लगेगा क्या उसमें कंटेंट राइटिंग की स्किल भी लगने वाला है क्या उसके अंदर एनिमेशन का स्किल भी लगने वाला है क्या उसके अंदर एआई की जो फोटोग्राफी होती है उसका भी स्किल लगने वाला है अगर हां तो ये सारी चीज आपको आनी चाहिए देखो आई थिंक ये आपको उतने अच्छे से समझ नहीं आया जितने चीज मेरे दिमाग में तो मैं आपको और बहुत ही इजी तरीके से मैं आपको समझाता हूं
ठीक है मान लो कि आप किसी कंपनी में इंटरव्यू के लिए गए ठीक है वो कंपनी मान लो कि एक कॉस्मेटिक ब्रांड है ठीक उसने बोला आप वहां पे गए और आपसे पूछा कि भाई आप क्या करते हो तो आपने बोला कि मैं ग्राफिक डिजाइनिंग करता हूं और मुझे वीडियो एडिटिंग भी थोड़ा बहुत आता है ठीक है तो पहले यहां पे क्या था कि ये बोलने से आपकी जॉब लग जाती थी या अभी भी लग रही है लेकिन मैं अगले दो-तीन साल की बाद की बात कर रहा हूं ठीक है ये चीजें लगती थी लेकिन आने वाले टाइम में क्या होगा वो बोलेगा यार ये तो बहुत बेसिक है ये तो सभी जानते हैं आज के डेट में ये सबको इतना आता है आप आप मेरे ब्रांड के बारे में कितना समझते हो ये जो मेरा कॉस्मेटिक ब्रांड है इसके बारे में आप कितना समझते हो और ऐसा कौन सा आईडिया है आपके पास जो अगर मैं इस पर अप्लाई करूं तो इसका सेल इसके ब्रांडिंग इसकी ब्रांड वैल्यू यहां से यहां जा सकता है वो मुझे आप बताओ ठीक है अब जब हम बात करते हैं ब्रांडिंग की ब्रांड वैल्यू की या फिर सेल की तो सब चीजें कंबाइन हो जाती है वीडियो एडिटिंग ग्राफिक डिजाइन कंटेंट राइटिंग कैंपेन आईडिया ये सारी चीजें कंबाइन हो जाती है और यही मैं अपने कोर्सेस में हमेशा सिखाता हुआ आया हूं मैं मैं 5 साल से यही चिल्ला चिल्ला के आप लोगों को कह रहा हूं कि ये सारी चीजें कंबाइन है ये सब चीजें अलग नहीं है ग्राफिक डिजाइन और वीडियो एडिटिंग अलग नहीं है दोनों सेम है एक पॉइंट पे आके दोनों सेम हो जाता है क्योंकि दोनों का काम कम्युनिकेशन ही है है एक जनता तक एक ब्रांड का मैसेज पहुंचाना जैसा कि मैंने आपको पहले बताया और जॉब बहुत ज्यादा बढ़ने वाला है अगर अगर ऐसा दिमाग में आपको लग रहा है कि जॉब जॉब कम हो जाएगा ऐसा बिल्कुल नहीं है आबादी उतनी ही बढ़ रही है लोगों का रिक्वायरमेंट उतना ही है ब्रांड को सेल उतना ही चाहिए सब कुछ उतना ही चाहिए बस यहां पे चेंज यहां पे एक ही आया कि जनता स्मार्ट हो गई है और जनता को अब वही चीजें पसंद आता है जिस पे वो अब जनता वही चीजें बाय करती है जिसपे उसका ट्रस्ट लेवल जनरेट होता है और ट्रस्ट जनरेट करने का ब्रांडिंग के अलावा दूसरा और कोई अ रास्ता है ही नहीं ठीक है प्रोफाइल बेसिस पे जॉब आपको शायद आने वाले
5 साल या चार पा साल के बाद नहीं मिले आपको एक आईडिया आपको एक वैल्यू ऐड करना पड़ेगा किसी ब्रांड में तब जाके वो जॉब बहुत इजली मिल जाएगा और यह मैं टॉप मेट्रो सिटीज की बात कर रहा हूं छोटे शहरों में तो जैसा चलता था वैसा ही चलता रहेगा उसमें कोई चेंज नहीं आएगा प्रेडिक्शन नंबर थ्री मेरा क्या बोलता है आने वाले दो-तीन सालों में क्या होने वाला है ग्राफिक डिजाइन का खासकर ब्रांडिंग और ग्राफिक डिजाइन का जो कम्युनिकेशन जिसके बारे में आपको बताया उसकी जॉब बहुत ही ज्यादा इंक्रीज होने वाला है इसमें बहुत सारे फैक्टर काम करेंगे देखो अगर आप बजट देखते हो या इंडिया को सही से स्कैन करते हो क्या चल रहा है क्या नहीं चल रहा तो आपने देखा होगा कि गवर्नमेंट मैन्युफैक्चर का जो सेक्टर है उसकी तरफ ज्यादा ध्यान दे रही है गवर्नमेंट स्किल की तरफ ज्यादा ध्यान दे रही है और हमारे पास इतना जमीन है इतना मैन पावर है कि हम मतलब नेक्स्ट चाइना हम बन सकते हैं आने वाले 50 साल या 20 साल में कभी भी हम लेकिन शुरुआत तो हमें कभी कहीं से कहीं से करनी पड़ेगी ठीक है अब जब अब जब यहां पर ब्रांड आ रहे है हम इंडिया में अपना खुद का प्रोडक्ट बना रहे हैं ऑलरेडी मार्केट में शुरू है लेकिन उसकी ब्रांडिंग उस हिसाब से नहीं हो रही है
देखो मान लो कि अगर अगर मैं इसको बेसिक लैंग्वेज में आपको समझाऊ कि मान लो कि आपने सोचा कि यार मैं एक मुझे एक ब्रांड स्टार्ट करना है ठीक है तो आपने सोचा यार मैं किसका ब्रांड स्टार्ट करूं किसका स्टार्ट करूं तो आपने देखा कि यार इंडिया में ना चावल की खेती बहुत ज्यादा होती है तो मैं एक ना चावल का जो है ना उसका एक ब्रांड स्टार्ट करता हूं फॉर एग्जांपल जस्ट मैंने एक एग्जांपल दिया कि एक उसका मैं ब्रांड स्टार्ट करता हूं क्योंकि मैं अच्छे ग्रेड का चावल लाऊं और उसको मैं अच्छी पैकेजिंग अच्छी ये करके क्वालिटी कंट्रोल करके मैं उसको बेचू ठीक है अब
उसको उस चावल को बेचने के लिए आपको बहुत ज्यादा टीम की जरूरत थी अभी भी है औरन मतलब आने वाले टाइम में कम हो जाएगा सबसे पहले तो आपको उसका पैकेजिंग डिजाइन कराना पड़ेगा उसके बाद लोगो उसके बाद उसका फोटो शूट उसके बाद रेगुलर उसका वीडियो शूट बहुत सारी चीजें आपको यहां पर डिजाइन करना पड़ेगा अगर आप फोटो शूट कराने जाओ तो आपको ढंग के फोटोग्राफर नहीं मिलते जो आपके दिमाग में आईडिया पुरानी वाइट बैकग्राउंड वाला चलता नहीं है अब थोड़ा सा एस्थेटिक बहुत सारी चीज यहां प चेंज हो गई है उस टाइप की चीज आपको चाहिए तो वो चीज आपको मिलेगी नहीं ठीक है और उसी जितनी भी यहां
पे स्टार्टअप कंपनियां है ना मैं बहुत सारी कंपनियों से मिलता हूं मैं मैं हर मतलब हर दूसरे तीसरे दिन में किसी स्टार्टअप के ऑफिस में होता हूं सब इसी चीज से सफर कर रहे हैं क्योंकि उनको ढंग का क्रिएटिव बंदा ही नहीं मिलता जो उनको आईडिया पे रियलिटी जो उनके आईडिया को रियलिटी में लेके आ जाए खुद को फोटोग्राफर बोलते हैं फोटो क्लिक करने बाबा आदम के जवाने के स्टाइल के फोटो क्लिक कर रहे हैं खुद को ग्राफिक डिजाइनर बोलते हैं डिजाइन बनाना आता नहीं खुद को वीडियो एडिटर बोलते हैं वीडियो एडिटिंग करना नहीं आता लेकिन य आने के बाद में ये प्रॉब्लम यहां पे अ सॉल्व होता हुआ मुझे दिख रहा है ठीक है क्योंकि फोटोस का और वीडियोस का सबसे बड़ी प्रॉब्लम थी एक कम्युनिकेशन में एज अ ग्राफिक डिजाइनर आपको फोटो की बहुत बड़ी दिक् आपको डिजाइन आता है आपको फंट का पता है आपको प्लेसमेंट का पता है आपको शेप का पता है लेकिन आपको मनपसंद आपको फोटो ही नहीं मिलता था फोटोग्राफर कुछ अता पता ही नहीं होता था उसको कुछ पता ही नहीं होता था कैसा कमर्शियल फोटोग्राफी क्या होता है लेकिन एआई के आने के बाद में ये चीजें सॉल्व हो रही है अब आपको यार स्टार्टर के पास इतना बजट होता भी नहीं है ना मैं स्टार्टअप में उसकी बजट नहीं कर रहा हूं जो जो फंडिंग वालों का पैसा बर्न करते हैं मैं उसका बात मैं उन उन स्टार्टअप की बात कर रहा हूं जो खुद के दम पे कोई ब्रांड स्टार्ट करते हैं ठीक है तो उन लोग की सबसे बड़ी प्रॉब्लम यही थी कि भाई रिसोर्सेस कहां से लेके आए मेरे पास प्रोडक्ट है मेरे पास आईडिया है अब उसको कस्टमर के पास में लेके जाना है उसके लिए बहुत सारे एसेट की जरूरत पड़ती थी है ना तो वो एसेट बाय करने के पास उनका बजट नहीं होता था शूट करवाने जाओ तो उनको कुछ पता अता पता नहीं होता था लेकिन एआई के आने के बाद में ये चीजें सॉल्व हो गई आपने
देखा होगा कि भाई मिडज बहुत अच्छा काम कर रहा है अब यहां पे सोरा एआई है बहुत सारे एआई आ रहे हैं जो फोटो वीडियो के प्रॉब्लम हमारे सॉल्व कर रहे हैं और एज अ ग्राफिक डिजाइनर हमारी सबसे बड़ी प्रॉब्लम यही थी हमें ढंग की फोटो ही नहीं मिलती थी और हमें अगर कुछ वीडियो बनाने जाओ तो ढंग की वीडियोस ही नहीं मिलती थी ठीक है तो यह प्रॉब्लम आने वाले टाइम में ऑलरेडी सॉल्व हो जाएगा तो अगले दो या तीन साल में ग्राफिक डिजाइन फील्ड में एक तगरा राइज होने वाला है मतलब ग्राफिक डिजाइन का जो ग्रोथ है वो थोड़ा स्लो हो गया था अब फिर से फास्ट होने वाला है क्योंकि एज अ डिजाइनर हमारी बहुत सारी प्रॉब्लम एआई सॉल्व कर रही है और हम हमारी ही नहीं एक एक कंपनी ओनर का भी प्रॉब्लम एआई सॉल्व करे अब उसको इतनी बड़ी टीम की जरूरत नहीं है अब एक ही बंदा चाहिए जिनके पास दिमाग हो और वो सारा का सारा उनके आईडिया को कस्टमर के पास लेके जा सके तो ग्राफिक डिजाइनर की वैल्यू बढ़ने वाली है और आने वाले टाइम में और भी ज्यादा बढ़ेगा और ये यार मेरी बात मत मानो मैं जो बोल रहा हूं उसकी बात आप मत मारो आप ना खुद सोच के भी देखो और थोड़ा सा रिसर्च करके भी देखो कि मतलब क्या चल रहा है ग्राफिक डिजाइनर होता क्या है बहुत सारे लोग होते हैं ना बहुत सारे लोग ना पागलों की तरह बात करते हैं कि देखो यार अब ना अब ना एक ना एआई है जो ना कोई फोटो बना देगा ग्राफिक डिजाइनर का जॉब खत्म भाई फोटो ग्राफिक डिजाइनर का जॉब कहां से हो कब से हो गया फोटो क्या फोट मान लो कि कोई फोटो बनाना ग्राफिक डिजाइन का जॉब था नहीं था वो पहले भी फोटो थे हमारे पास है ना तो पहले भी पहले से ही हमारे पास फोटो था है ना तो वो हमारा कभी जॉब था ही नहीं उन लोग को पता ही नहीं होता उन लोग को लगता है यार हमने लिख दिया कि भाई एक आर्ट वर्क बना दिया तो ग्राफिक डिजाइनर का जॉब खत्म हो गया जबकि ऐसा नहीं ग्राफ वो मेरा जो वो हमारा जॉब कभी था नहीं था ना हमारा काम है कि भाई कस्टमर के साइकोलॉजी को समझ के उसका ब्रांड आइडेंटिटी प्लस उसकी ब्रांडिंग कैसे डिजाइन करें ताकि कस्टमर के दिमाग में उस ब्रांड को लेकर ट्रस्ट जनरेट हो और फिर उस ब्रांड से वो इंगेज रहे ये हमारा काम है ना कि भाई फोटो बना दिया एडिट कर दिया आंख आंख की जगह पे कान लगा दिया कान की जगह पे आंख लगा दिया वाह वाह क्या एआई क्या बात कर रहा है डिजाइनर जॉब खत्म हो गया ये वही लोग करते हैं जिनको डिजाइनिंग से कोई लेना देना नहीं है ठीक है तो ये प्रॉब्लम हमारी सॉल्व हो रही है फोटो की तो डिजाइनिंग फील्ड बहुत राइज करेगा और ये लिख के ले लेना मैंने आज तक जो भी प्रेडिक्शन किया है पिछले मैं पाछ साल से [संगीत] एकदम सही हुआ है और मुझे लगता है यह भी 100% सही होगा देखो प्रेडिक्शन नंबर फोर क्या है कि एक टाइम था जब हम ग्राफिक कोई भी डिजाइन बनाते थे या सोशल मीडिया बहुत सारी चीजों का डिजाइन बनाते थे या एड्स या फिर बैनर पोस्टर बनाते थे तो हम शेप्स का ग्राफिक एलिमेंट्स का बहुत ज्यादा यूज करते थे क्योंकि हमें हमारे पास उतनी अच्छी फोटोग्राफ नहीं हुआ करती थी हमारे पास उतना उतनी उतना क्रिएटिव चीजें नहीं हुआ करती थी इसलिए हम डेकोरेटिव चीजें लगा के उस डिजाइन को अच्छा बनाते थे कि ताकि वो जब कस्टमर के पास जाए तो उसको लगे भाई मेहनत किया हुआ है ठीक है लेकिन लेकिन लेकिन अब ये सारी की सारी चीजें एक जगह श्रिंक हो रही है सारी की सारी चीजें टाइपोग्राफी पे आ गई है है ना अब डिजाइन ना बिल्कुल ही बदल गया अब जितना सिंपल आज की डेट में आप डिजाइन बनाओगे उतना अच्छा आपका रिस्पांस आएगा और सिंपल डिजाइन बनाना बहुत मुश्किल काम है कैनवा वनवा जैसा डिजाइन बनाना तो बहुत इजी है टेंप्लेट है एडिट करके बना दो वैसा नहीं अभी क्या है कि अभी आपको थोड़ा सा दिमाग लगाना पड़ेगा
You should do experiment with your design
डिजाइन को लेके एक्सपेरिमेंटल होना पड़ेगा क्योंकि और यही नेक्स्ट बिग थिंग डिजाइनिंग इंडस्ट्री में आने वाला है कि डिजाइन में सारे रूल ब्रेक होने वाले और होना शुरू हो गया है ना हम पहले सोचते थे भाई दो फंट से ज्यादा यूज नहीं कर सकते लेकिन लोग यहां पे चार-चार फंट में डाल के डिजाइन कर रहे हैं अब टी अब बेसिक टीशर्ट देख लो यार जो टीशर्ट जो आजकल जो नए बच्चे नए जो लड़के-लड़कियां पहने घूमते हैं कितने फॉट्स होते हैं उसके अंदर सारे डिजाइन रूल ब्रेक होते हैं लेकिन वो क्या फॉन्ट कपड़ा देख के लिए नहीं वो डिजाइन देख के लेते हैं है ना अब वही डिजाइन फिर उसको ब्रांड में ब्रांड में दिखता है या किसी ब्रांड में दिखता है तो उससे कनेक्ट हो जाता है वो बोलते यार क्या मॉडर्न ब्रांडिंग है यार क्या मस्त ब्रांड है यार क्या एस्थेटिक ब्रांड है यार क्योंकि क्योंकि उसने हमारी तरह बेसिक से एडवांस नहीं आए वो एडवांस में ही पैदा हुए हैं तो उनके लिए सारी चीजें अच्छा है उनकी तो उनके लिए सारी चीजें ई है और सारी चीजें एक्साइटिंग है लेकिन हमारे लिए हम जब कुछ नई चीज देखते हैं तो हमारे हमारा नॉलेज का जो भार हमारे ऊपर है वही हम पे हावी हो जाता है हम कहते नहीं नहीं यार यह ना अच्छा नहीं लग रहा है इसमें ना यह फॉलो नहीं हो रहा इसमें अलाइन मेंट फॉलो नहीं हो रहा इसमें यह फॉलो नहीं हो रहा यही हमारी सबसे बड़ी प्रॉब्लम हो सकती है अगर आपने अपने आप को नए ऑडियंस के हिसाब से नए जनता के हिसाब से नए टाइम के हिसाब से अगर आपने आपको मोल्ड नहीं किया तो